Monday, 27 September 2021

संघर्ष

 संघर्ष एक 10 वर्षीय बालक का 

एक बालक जिसका नाम राम था, जो कि जंगल में बसे एक छोटे से गांव में रहता था गरीब परिवार से था और बहुत गरीबी से जीवन काट रहा था, अपने परिवार की जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसके माता पिता मजदूरी करते थे, जिससे परिवार में मात्र भोजन की व्यवस्था ही हो पाती थी, राम बहुत ही समझदार था अपने माँ पिता जी की दिन भर की मेहनत से जो कुछ भी भोजन में मिलता उसे आनंद के साथ खा लेता था, उस समय राम 5वी कक्षा में था, और पढ़ाई में बहुत रुचि रखता था नियमित स्कूल भी जाता था और रोज स्कूल से लौटने के बाद राम अपने मित्रों के साथ गांव में ही खाली पड़ी जगह पर खेलने भी जाता था, खेल में उसे कबड्डी खेलना बहुत पसंद था ओर वो कबड्डी खेल के बारे में बहुत कुछ जानता था साथ साथ अच्छी कबड्डी भी खेलता था। इसी प्रकार साल बीतता गया और राम ने अपनी 5वी कक्षा 56% से पास कर ली जिससे राम ने अपने गांव में प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया और अपने गरीब माता पिता का नाम रोशन किया गांव के स्कूल में उस गांव के मुखिया का पुत्र भी राम के साथ ही पड़ता था लेकिन उसके अंक राम से कम थे, राम के प्रथम आने के कारण राम के माता पिता बहुत खुश थे ।

  लेकिन गरीबो को खुशी ज्यादा समय के लिए नही मिलती, राम के 5वी पास करने के बाद अब उसे कक्षा 6 में प्रवेश लेना था ओर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए राम को गांव से 10 किलोमीटर दूर स्कूल में ही दाखिला मिल पाता क्योकि उसके अतिरिक्त उससे कम दूरी में कोई माध्यमिक स्कूल ही नही था, लेकिन स्कूल जाने के लिये जंगली इलाके वाली एक कच्ची सड़क ही थी, जिसके कारण गांव के बाकी के बच्चे 5वी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देते थे, राम के माता पिता भी राम की पढ़ाई बन्द करवाने के लिए मन बना चुके थे, लेकिन एक ओर राम के माता पिता राम के पढ़ने की जिज्ञासा को देख कर राम के सुनहरे भविष्य को नजरअंदाज नहीं कर पाए, और माता पिता ने सुनिश्चित किया कि राम की पढ़ाई पूरी करवानी है जिसके लिए राम की माता जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि राम के बाबा आप राम के साथ उसके स्कूल रोज आना जाना करना घर के ख़र्चे के लिए में मजदूरी कर लुंगी राम और राम के पिता असमंजस में पड़ गए राम के पिता इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं थे लेकिन राम की माता जी ने उन्हें मना लिया, राम के पिता ने राम का दाखिला करवा दिया ओर रोज राम के साथ आना जाना करने लगे समय निकलता गया और राम ने देखते ही देखते 6वी ओर 7वी दोनों कक्षा 55 % ओर 57% के साथ पास कर ली माता पिता बहुत खुश थे और राम भी क्योंकि राम बस अपनी मंजिल से मात्र एक कदम की दूरी पर था, क्योंकि उस समय 8वी कक्षा के बाद वनरक्षक  पद मिल जाते थे, और राम का लक्ष्य भी यही था। 

8वी कक्षा की पढ़ाई प्रारंभ हो गई थी 2 महीने की पढ़ाई पूरी हो गई थी और उसके कुछ दिनों बाद बहुत ही बड़ी खुशी राम के परिवार को मिली राम इकलौता था लेकिन उसी समय राम की माता जी करीब 12 वर्ष बाद गर्भावस्था धारण की जिसकी खबर राम और राम के पिता को मिली राम और राम के पिता बहुत खुश थे पूरा परिवार बहुत खुश था लेकिन खुशी के कारण वो ये सब भूल गए कि अब राम की माता जी को मजदूरी करने में बहुत दिक्कतें आ सकती हैं, ओर यही हुआ गांव की ताई ने राम की माता जी की स्थिति देख कर राम के माता पिता को समझाया की अब राम की माँ को मजदूरी नही करवाये ओर ये बात से पूरा परिवार बहुत चिंतित हो गया, राम की पढ़ाई में संकट उत्पन्न हो गया, लेकिन माता पिता के कर्तव्य से राम के माता पिता विमुख नही हो पाए और राम के माता पिता ने राम को सलाह दी कि राम तुम वही किसी के घर से रह कर अपनी पढ़ाई पूरी कर लो, राम अपने पिता जी के साथ अपनी जरूरत का सामान लेकर स्कूल के पास के गांव में रहने वाले अपने मित्र के पास गया। जिस मित्र के पास राम गया वो राम की पढ़ाई और व्यवहार के कारण राम को मना नही कर पाया और राम के मित्र ने राम से कहा कि राम तुम अपनी बाकी की पढ़ाई मेरे घर से ही पूरी कर लो में अपने परिवार को मना लूंगा ओर राम के पिता राम को छोड़कर गांव वापस लौट गए । राम को अपने माता पिता की बहुत याद आ रही थी राम को उसके मित्र ने संभाला राम के ये 8 महीने बहुत मुश्किल से गुजरे।

राम ने अपनी परीक्षा सम्बंधित सम्पूर्ण तैयारी कर ली थी, राम की परीक्षा समाप्त होने वाली थी राम अपना अंतिम प्रश्न पत्र हल कर रहा था और बहुत खुश भी था क्योंकि 8 महीने बाद राम अपनी माता जी से मिलता।  राम 8 महीने बाद अपने मित्र को छोड़ अपने घर जा रहा था राम बहुत भावुक था और राम का मित्र भी लेकिन राम की भावुकता उसके घर जाने की खुशी में छिप सी गयी थी, राम जब अपने घर 8 महीने बाद अपने घर पहुँचा ओर अपने माता पिता का आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें बताया कि परीक्षा बहुत ही अच्छी तरह सम्पन्न हुई ये सुनकर राम के माता पिता बहुत खूश थे। परीक्षा के कुछ दिनों बाद राम की माता को पुत्री हुई राम को एक छोटी बहन मिल गयी राम बहुत खुश हुआ।

 राम ने 8वी कक्षा की परीक्षा में 68% प्राप्त किये थे जो कि क्षेत्र के सर्वोच्च प्रतिशत थे राम ने अपना अपने परिवार गांव सभी का नाम रोशन किया, राम अपने गांव के लिये मिसाल बन गया और कुछ दिनों बाद राम ने वनाधिकार के लिए फिजिकल की तैयारी प्रारम्भ कर दी और कुछ वर्षों बाद राम एक वनाधिकारी बन गया। 

 राम का जीवन बहुत संघर्ष पूर्ण था जो कि प्रेरणादायक है ।

प्रयास।।

स्वीकार करने की कृपा करें। 

आपका आशीर्वाद मेरी सफलता❤️🙏

KrashankantSocialworker


18 comments:

  1. आपकी कहानी से काफी अच्छी बाते सीखी जा सकती है।
    जो आदमी संकल्प कर सकता है, उसके लिए कुछ भी असम्भव नहीं है. फिर चाहे परिस्थितियां कुछ भी हो

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  2. अति उत्तम 👍
    यह कहानी सभी के लिए प्रेरणादायक होगी

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  3. बहुत ही प्रेरणास्पद कविता है यह कोटि-कोटि नमन प्रयास करते रहो सफलता निश्चित मिलेगी

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  4. बहुत ही सुंदर कविता है ❤️❤️❤️

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  5. अत्यंत प्रेरणादाई 👌👌👌

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